जम्मू-कश्मीर में धारा 370 सभी दलों के लिए बनी मुख्य चुनावी मुद्दा
खरी खरी संवाददाता
श्रीनगर, 22 सितंबर। धारा 370 हटने और संपूर्ण राज्य का दर्जा छिनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर में एक फेज की वोटिंग हो चुकी है और अभी दो फेज की वोटिंग बाकी है। यह केंद्र शासित प्रदेश आतंकवाद सहित घटता व्यापार, बढ़ती बेरोजगारी जैसी तमाम चुनौतियों से जूझ रहा है। इसके बाद भी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा सिर्फ धारा 370 है। यहां की सत्ता पर बरसों काबिज रही नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी धारा 370 की वापसी का खुला ऐलान कर रहे हैं, तो नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस खामोश है। वहीं केद्र में सत्तारूढ और राज्य की सत्ता पाने के लिए हर संभव उपाय कर रही बीजेपी धारा 370 की किसी भी सूरत में वापस नहीं होने का दम भर रही है। मुख्य चुनावी मुद्दा ही धारा 370 बन गई है।
केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करते हुए इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया। राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गईं। सुनवाई के बाद 5 जजों की बेंच ने दिसंबर 2023 में सरकार के फैसले को बरकरार रखा और अपनी सुप्रीम मुहर लगा दी। इस फैसले के बाद ऐसा लगा कि शायद इस पर राजनीति बंद हो जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस फैसले के बाद भी आवाज उठी और 370 हटने के बाद जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पहली बार होने जा रहे हैं तब इसकी गूंज और जोर से सुनाई पड़ रही है। एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसकी कभी वापसी नहीं होगी तो वहीं अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम रहे उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसे हम दोबारा लागू करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र एक दिन पहले जारी किया और कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन गया है और केंद्र शासित प्रदेश में इसकी कभी वापसी नहीं होगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने भाजपा का घोषणापत्र जारी करने से पहले अपने संबोधन में कहा कि मैं नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे को जानता हूं। मैं पूरे देश को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है और इसकी कभी वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब संविधान का हिस्सा नहीं है। इस अनुच्छेद ने युवाओं के हाथों में सिर्फ हथियार और पत्थर दिए हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेला है। अमित शाह के इस बयान को चुनौती देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम रहे उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम चुनाव जीते तो अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करेंगे। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसके लिए वक्त लगेगा, लेकिन यह होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को फिर जम्मू-कश्मीर में लागू करेंगे। यह ऐसी चीज है जिसके लिए हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते, हम इसके लिए सरेंडर नहीं कर सकते। उन्होंने यह भी माना कि इसे दोबारा लागू करना इतना आसान नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि आप इसे अगले 5 साल में लागू कर देंगे। यह सत्य है कि इसमें समय लगेगा।